माउंट एवरेस्ट दुनियाभर के पर्वतारोहियों के लिए रहस्य का विषय बना हुआ है। इसके बावजूद भी पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए कोशिश करते रहते हैं। 29 मई 1953 को पहली बार माउंट एवरेस्ट पर न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाली मूल के भारतीय नागरिक तेनसिंह नोर्गे शेरपा चढ़े थे। उनके बाद अब तक कई लोग एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुके है लेकिन हाल ही में गुड़गांव में रहने वाले अजीत बजाज और दीया बजाज बुधवार को दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले पहले भारतीय पिता-पुत्री बन गए।
गुरूग्राम के अजीत बजाज और 24 वर्षीय दीया बजाज की पिता-पुत्री की जोड़ी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली भारत की पहली जोड़ बनी है। पठानकोट में जन्में अजीत बजाज ने अपनी बेटी दीया के साथ मिलकर सुबह 4:30 बजे विश्व की सबसे ऊंची माउंट ऐवरेस्ट चोटी पर चढ़कर शहर का नाम रोशन किया है। जहां कुछ लोग बेटी के होने का दुख मनाते है वहीं, अजीत बजाज अपनी बेटी के साथ एवरेस्ट की चढ़ाई करके लोगों को यह संदेश देना चाहते है कि सही अवसर मिलने पर लड़कियां भी उच्चतम शिखर तक पहुंच सकती है।
अजीत बजाज ने अपनी बेटी के साथ एवरेस्ट की चढ़ाई करके गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कर लिया है। टीओआई ट्रैकर अजीत बजाज और दिया बजाज ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करके एक नया इतिहास बनाया है।
आपको बता दें कि अजीत बजाज और उनकी पर्वतारोही बेटी दीया ने 16 अप्रैल को इस अभियान की शुरुआत की थी। रास्ते के तमाम खतरों और ऊंचाई पर तेजी से बदलते मौसम से जूझते हुए आखिरकार यह जोड़ी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल करने में कामयाब रही। दीया का कहना है कि माउंट एवरेस्ट से सूर्योदय होते देखना उनके लिए एक खूबसूरत अनुभव है। 53 वर्षीय अजीत पद्मश्री से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। वह भीतर उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव जाने वाले भी पहले भारतीय बन चुके है।
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