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चिंता और अवसाद के पांच प्रकार, जिन्हें कभी न करें अनदेखा

  • Updated: 09 Dec, 2017 04:05 PM
चिंता और अवसाद के पांच प्रकार, जिन्हें कभी न करें अनदेखा

भागदौड़ भरी और बदलती लाइफस्टाइल में डिप्रैशन आम समस्या बनती जा रही है। आज हर 5 में से 3 व्यक्ति डिप्रैशन का शिकार है, जो धीरे-धीरे गंभीरता का विषय बनता जा रहा है। चिंता और अवसाद के कई कारण हो सकते है, जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।

 

हाल ही में वैज्ञानिकों ने मानसिक बीमारियों की पांच नई श्रेणियों का पता लगाया है जो चिंता और अवसाद का पता लगाने के वर्तमान तरीकों को बहुत आगे ले जा सकती हैं।   इन पांच श्रेणियों को उनके खास लक्षणों और दिमाग के हिस्से में उनकी सक्रियता के आधार पर परिभाषित किया गया है। 

 

यह श्रेणियां हैं - तनाव, चिंता जनित बेचैनी, सामान्य बेचैनी, एनहेडोनिया (खुशी महसूस करने पाने में अक्षमता) और मेलंखोलिया।  अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिर्विसटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, च्च्हम हमारे वर्तमान रोग-निदान में लक्षणों को एक-साथ रखे जाने के चलन को सुलझाना चाहते हैं जिससे कि अंतत: मर्ज के अनुकूल उपचार विकल्प मुहैया कराए जा सकें।’’ 

 

उन्होंने बताया कि इस अनुसंधान का मकसद मानसिक बीमारियों की बेहतर परिभाषा तय कर उन लाखों मरीजों को बेहतर इलाज योजना उपलब्ध कराना है जो इससे गुजर रहे है। अध्ययन में बताया गया कि वर्तमान में अवसाद और चिंता विश्वभर में हो रही विकलांगता और कार्य अक्षमता का मुख्य कारण है। इन विकारों से पीड़ित केवल एक-तिहाई लोग ही इलाज की मदद से उबर पा रहे हैं।

 

स्टैनफोर्ड की कैथरीन ग्रिसैंजियो ने बताया कि तनाव को चिड़चिड़ेपन से परिभाषित किया जाता है। चिंता में आपका नर्वस सिस्टम अतिसंवेदनशील हो जाता है। चिंता जनित बेचैनी में ध्यान केंद्रित करना और विचारों को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।  उदासी में लोग सामाजिक संपर्कों से बचते हैं। लोगों से मिलने-जुलने, बात करने में उन्हें काफी दिक्कत आती है। एनहेडोनिया में लोग खुशी महसूस करने में असमर्थता महसूस करते हैं। इस तरह के अवसाद के बारे में अक्सर पता नहीं चल पाता है। 


 

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