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माइग्रेन हो सकती है एक जानलेवा बीमारी

  • Updated: 23 Sep, 2016 05:51 PM
माइग्रेन हो सकती है एक जानलेवा बीमारी

माइग्रेन क्या है : कई बार हमारे सिर के अाधे हिस्से में अचानक से दर्द होने लगता है और यह दर्द कई बार उठता है। इस दर्द से बचने के लिए हम कई तरह के उपाय करते है लेकिन इसका कोई असर नहीं होता है। इसे अर्धकपारी दर्द या अर्ध मस्तिष्क दर्द, जिसे माइग्रेन भी कहते है। यह बार-बार उठने वाला दर्द है, जो कभी-कभी कम अौर कई बार असहनीय हो जाता है। इसके साथ दूसरें लक्षण जैसे सुनने, बोलने या महसूस करने की शक्ति पर असर होना अाम बात है।   आधे मिनट में दूर होगा माइग्रेन का दर्द, पक्का और असरदार नुस्खा

 

माइग्रेन के दर्द से पीड़ित लोग संसार के सभी भागों में पाए जाते है। इंगलैंड में किए गए एक सर्वेक्षण में वहां के 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत लोगों को इस बीमारी से पीड़ित बताया गया है। महिलाअों में यह बीमारी पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा पाई जाती है। महिला और पुरूषों में यह अनुपात 2:1 है। हालांकि एक अप्रचलित माइग्रेनियस न्युरेलजीया, सिर्फ पुरूषों तक सीमित है। 

 


माइग्रेन के प्रकार 

माइग्रेन चार प्रकार का हो सकता है। 

 

1. क्लासिकल माइग्रेन

इस माइग्रेन में दर्द शुरू होने के लक्षण महसूस होने लगते है। अगले दिन रोगी को दर्द का अहसास होने लगता है, इसमें देखने की क्षमता पर असर पड़ता है और धुंधला नजर अाने लगता है। कई बार तो अांखों के सामने अधेरा छा जाता है। यह लक्षण 15 से 30 मिनट में अपने अधिकतम रूप पर पहुंच जाता है। कभी-कभी तो व्यक्ति को पूरा दिन इस समस्या से गुजरना पड़ता है। इसका एक लक्षण और है जी मचलाना और बैचेनी या चक्कर अाना।  ऐसा होने के बाद तुरंत बाद सिरदर्द होने लगता है। यह दर्द एक आंख के ऊपर से सिर के पिछले हिस्से तक फैल जाता है। क्लासिकल माइग्रेन की तीव्रता जैसे टीस उठना, सिर पर लगातार मार लगने का अहसास या असहनीय और पीड़ादायक है।   मिनटों में ठीक होगा माइग्रेन का दर्द, अपनाएं ये ट्रीटमेंट


2. साधारण या अाम माइग्रेन 

इस तरह का माइग्रेन अाम देखने को मिलता है। एक अनुमान के अनुसार, 10 प्रतिशत से 18 प्रतिशत लोग साधारण माइग्रेन से पीड़ित होते है। यह क्लासिकल माइग्रेन की तरह खतरनाक नहीं होता। इसके लक्षण अधिकतर माइग्रेन की तरह ही होते है लेकिन दर्द की तीव्रता 30 से 60 मिनट तक हो सकती है। इस तरह के माइग्रेन में कुछ देर तक अाराम या ऐसा कोई काम, जिससे सिर से जाने वाले खून की मात्रा बढ़ सकती है जैसे- व्यायाम, झुकना, सीढ़ी चढ़ना, खांसना, उल्टी होना अादि से रोगी बेहतर महसूस कर सकता है। 


3. माइग्रेनियम न्यूरेलजिया


यह अधिकतर सिर्फ पुरुषों में विशेषकर 20 से 40 वर्ष के पुरुषों में और विशेषकर सर्दियों और बसंत ऋतु में होता है। इसमें दर्द  एक आंख में होता है और आंखें लाल हो जाती हैं और पानी निकलने लगता है और उसी आंख की तरफ नाक भी बहने लगती है। यह दर्द 24 घंटों में एक या दो बार हो सकता है। यह 15 से 45 मिनट तक रहता है। पर आश्चर्यजनक रूप से इस प्रकार के माइग्रेन में उल्टियां नहीं होतीं, जो दूसरे हर प्रकार के माइग्रेन में आम लक्षण है।

 

4. बच्चों का माइग्रेन

बच्चों को माइग्रेन अधिकतर यात्रा करने पर ही होता है। यह आगे चलकर वयस्क होने पर माइग्रेन का दूसरा रुप धारण कर सकता है। बच्चों को उल्टी होना, चक्कर आना और चिड़चिड़ाहट इसके आम लक्षण हैं। इस माइग्रेन में सिरदर्द की तीव्रता कम होती है।  मिनटो में दूर होगा माइग्रेन का दर्द

इसमें अधिकतर बच्चे पेट दर्द की शिकायत करते हैं। बच्चों में इसका प्रतिशत चार है अर्थात माइग्रेन पीड़ितों में से करीब 40 प्रतिशत बच्चे इस रोग से वयस्क होने पर मुक्ति पा जाते हैं।

 

माइग्रेन के कारण

1. पैतृक
2. दबाव,शारीरिक, मानसिक
3. व्यक्तित्व
4. असंतुलित भोजन
5. वातारण
6. बहुत अधिक यात्रा करना
7. सिर व गर्दन की चोट
8. ब्लड प्रेशर
9. हारमोंस का प्रभाव
10. दूसरी दवाइयों का असर

 

माइग्रेन के घरेलू उपाय


माइग्रेन का इलाज शुरूअाती लक्षणों के साथ ही शुरू कर देना चाहिए। इलाज जैसे एस्प्रिन या पेरासिटामॉल के साथ हो सकता है। अगर माइग्रेन साधारण ना होकर क्लासिक हो तो मेरोक्लोप्रेमिड और इसके अाधे घंटे बाद एस्प्रिन या पेरासिटामॉल लेना काफी असरदायक होता है। 

माइग्रिल और इफेरगोट, जिसमें इरगोटेमिन की मात्रा दो मिलीग्राम है, को लेने पर उल्टी बंद हो जाती है और साथ ही दर्द का प्रभाव कम हो जाता है। इसके अलावा बाजार में केफेगोट और फेमिरगिन भी मिलती है। इरगोरिमिन युक्त दवाई की पहली खुराक दो मिलीग्राम की होनी चाहिए। अगर 45 से 60 मिनट बाद भी दर्द कम ना हो तो अादी लेबलेट और लेनी चाहिए। ध्यान रहे इसका इस्तेमाल प्रैग्नेंसी में बिल्कुल ना करें। 


जिन लोगों ने लंबे समय की बीमारी के बावजूद भी इसका इलाज नहीं किया है तो उनको तुरंत डॉक्टरी सहायता लेनी चाहिए। माइग्रेनियम न्यूरेलजिया का माइग्रेन होने पर तुरंत ली गई दवाई से काफी फायदा होता है। इस तरह के दर्द में भी इरगोटिमिन युक्त दवाई लेनी चाहिए। ऐसे में क्लोनिडिन या पिझोटिफेन दिन में तीन बार लेना फायदेमंद हो सकता है। 


बच्चों के माइग्रेन में एस्प्रिन का प्रयोग काफी है या उल्टी रोकने की दवा दी जा सकती है। कुल मिलाकर माइग्रेन ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज अावश्यक है। हालांकि इसका कोई जानलेवा प्रभाव नहीं होता, लेकिन यह काफी कषंटदायक होता है। इसलिए उचित दवाइयों के अलावा मानसिक तनाव, जिनसे अपचन होने की संभावना हो ऐसी खाने की चीजें, तेज रोशनी और ज्यादा ध्वनि से बचना और संतुलित खाना नियमपूर्वक खाना, 7-8 घंटे की नींद लेना, खुश रहना इस बीमारी का सबसे अच्छा इलाज है। 

 

 

 

 

- डॉ. अनामिका प्रकाश श्रीवास्तव 

 

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