अापने अक्सर देखा होगा कि कई बार जब अाप ज्यादा देर तक बैठकर उठते है तो हाथ या पैर में झुनझुनाहट महसूस होने लगती है। एेसे में हम अपना पैर भी हिलाते तो बहुत परेशानी होती है । डॉक्टरों के हिसाब से इस समस्या को पैरेस्थेसिया कहा जाता है लेकिन क्या अापने कभी सोचा है कि एेसा क्यों होता है अगर नहीं तो अाइए जानते अाखिर पैर सोने के पीछे क्या असली वजह...
जब कभी भी हमारा पैर सो जाता है तो पैर में भारीपन, झुनझुनाहट और ऐसा महसूस होता है कि जैसे किसी ने पैर में कोई सुई या पिन चुभा दी हो लेकिन इसके पीछे का असल कारण पैरों में ब्लड सर्कुलेशन ना होना है। जब हम लंबे वक्त तक अपने पैर पर पैर रखकर बैठते हैं या पैर पर भार डालकर बैठते हैं, तब तंत्रिकाओं पर दबाव पड़ता है।
लेकिन यह जरूरी नहीं कि सिर्फ पैरों में ही ऐसा महसूस हो। शरीर के जिस हिस्से में भी इस तरह से दबाव पड़ता है, वहां ऐसा ही अनुभव होता है। कभी- कभी हाथ और बाजू भी इसी वजह से सुन्न पड़ जाते हैं।
हर व्यक्ति को इस तरह की परेशानी हो सकती है। इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता, लेकिन थोड़ी देर के लिए तकलीफ जरूर होती है। जब तक आपके मस्तिष्क और दबे हुए अंग के बीच ऑक्सीजन नहीं पहुंचती तब तक यह समस्या ऐसी ही बनी रहती है और ऑक्सीजन पहुंचने के बाद अंग दोबारा से नॉर्मल हो जाता है।