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डियोडरेंट करें सही तरह से यूज, पड़ सकता हैं सेहत पर असर(pics)

  • Updated: 02 Sep, 2016 05:20 PM
डियोडरेंट करें सही तरह से यूज, पड़ सकता हैं सेहत पर असर(pics)
पसीने की दुर्गंध से राहत के लिए डियोडरेंट का यूज बेहद आम बात है। डियोडरेंट चुनने के मामले में अक्सर लोग टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों से प्रभावित हो जाते हैं और यह सोचते हैं कि इसे लगा कर वे भी उस तरह से रॉक स्टार बन जाएंगे, परंतु ऐसा करते समय आपके लिए यह जानना भी बेहद जरूरी होता है कि आपके लिए कौन सा डियोडरेंट सही रहेगा और कौन सा नहीं।
 
 
1. सही डियोडरेंट को जानें
 
पसीना आना शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे तपती गर्मी में भी शरीर को ठंडक मिलती है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रण में रहता है। अधिकांश लोगों को सामान्य मात्रा में पसीना आता है, परंतु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें अत्याधिक पसीना आता है। कुछ लोगों की पसीने की ग्रंथियां ज्यादा सक्रिय होती हैं, यह एक सिंड्रोम होता है, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। इसकी वजह से वे असहज तो महसूस करते ही है, साथ ही उन्हें शरीर से दुर्गंध आने की समस्या भी होती है। इस के कारण अक्सर वह व्यक्ति अन्य लोगों से दूर रहने लगता है और उसमें आत्म विश्वास कम हो जाता है। पसीने एवं दुर्गंध की समस्या से निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। कुछ लोग बार-बार नहाते हैं, तो कुछ लोग अपनी डाईट में बदलाव करते हैं, परंतु अधिकांश लोग डियोडरेंट अथवा एंटी- र्सपिंरट का यूज करते हैं। अंडर आर्म में अत्याधिक पसीना आने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग बोटॉक्स का सहारा भी लेते हैं। प्योरिफाइड बोटुलिनम टॉक्सिन की मामूली मात्रा इंजेक्शन से अंडर आर्म में दी जाती है, जिससे पसीना लाने वाली नब्ज अस्थायी रूप से ब्लॉक हो जाती हैं। ऐसे में 4 से 6 महीने के लिए पसीने की समस्या से राहत मिल जाती है।
 
2.डियोडरेंट या एंटी-पर्सपिरेंट्स
 
क्या आप जानती हैं डियोडरेंट और एंटी पर्सपिरेंट में अलग-अलग संयोजन होता है और इनका इस्तेमाल भी अलग-अलग होता है। एंटीपर्सपिरेंट ऐसे डियोडरेंट होते हैं जो पर्सपिरेशन बंद करने के लिए पसीने की ग्रंथियों पर काम करते हैं, दूसरी ओर डियोडरेंट अंडर आर्म की दुर्गंध रोकता है, क्योंकि इसमें खुशबू होती है और त्वचा पर दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को पनपने से रोकने वाले एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं। वास्तव में आपको एंटी-पर्सपिरेंट की जरूरत है अथवा डियोडरेंट की, यह बात आपके शरीर की जरूरत पर निर्भर करती है।
 
यदि आपको अत्याधिक मात्रा में पर्सपिरेशन नही होता है, बावजूद इसके आपको पसीने की दुर्गंध परेशान करती है, तो आपके लिए डियोडरेंट सही चुनाव हो सकता है। दूसरी ओर यदि आपको अत्याधिक पसीने के साथ दुर्गंध की समस्या होती है, तो आपके लिए एंटीपर्सपिरेंट सही चुनाव हो सकता है।
 
3. स्टिक और स्प्रे
 
यह आपकी निजी पसंद पर निर्भर करता है, जो लोग डियोडरेंट को सीधे त्वचा पर लगाना पसंद करते हैं, वे अक्सर स्टिक लेना पसंद करते हैं। वहीं जो लोग डियोडरेंट को शर्ट पर स्प्रे करना पसंद करते हैं, उन्हें स्प्रे बेहतर लगता है। यूं तो दोनों का यूज आसान होता है, हालांकि कई बार स्टिक आपके कपड़ों पर धब्बे छोड देती है, विशेष रूप से तब जब आपकी ड्रेस का रंग गाढ़ा हो।
 
4.रखें इन बातों का ध्यान
 
क्या आप सही डियोडरेंंट का इस्तेमाल कर रही हैं, क्या आप यह जानती हैं कि जो उत्पाद आप इस्तेमाल कर रही हैं, उसमें कौन से तत्व इस्तेमाल हुए हैं और इनका आपकी त्वचा पर क्या असर हो सकता है। यदि नहीं तो न केवल उन बातों को जानें, बल्कि डियो का यूज करते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखें।
 
5. हानिकारक केमिकल से रहें दूर
 
एल्युमिनियम कंपाउंड जैसे कि एल्युमिनियम क्लोराइड वाले डियोडरेंट कुछ लोगों की त्वचा में इरिटेशन रिएक्शन की वजह बन सकते हैं। डियोडरेंट में काफी मात्रा में अल्कोहल भी होता है, जो संवेदनशील त्वचा पर बुरा असर डाल सकता है। पैराबींस एक तरह का कृत्रिम प्रिजर्वेटिव है, जिसका यूज कॉस्मेटिक्स में काफी ज्यादा मात्रा में होता है। ऐसी आशंका जताई गई है कि इस केमिकल से स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
 
 
6. तेज खुशबू से परहेज
 
यदि आप की त्वचा सं है तो आप को तेज खुशबू से परहेज करना चाहिए, हर किसी के लिए आर्टिफीशिल खुशबू अच्छी नहीं होती। अधिकतर डियोडरेंट में अल्कोहल के साथ खुशबू वाले ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी कुछ खुशबुएं त्वचा पर कॉस्मेटिक एलर्जी का कारण बन सकती हैं, तो यदि आप को भी खुशबू से एलर्जी है तो हल्की खुशबू वाले डियोडरेंट चुनें और डियोडरेंट को त्वचा पर छिड़कने की अपेक्षा कपड़ों पर छिड़कें।
 
 
 
 
हेमा शर्मा
 

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